Uttarakhand: सरकारी सस्ते गल्ले की राशन दुकानों में नमक की गुणवत्ता पर उठ रहे सवालों को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने हाल ही में जिले की 19 दुकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान लिए गए नमक के नमूनों को अब जांच के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पास भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने तक सभी दुकानों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी सविन बंसल के आदेश पर सदर, चकराता, विकासनगर, मसूरी के उप जिलाधिकारियों और तहसीलदार ऋषिकेश ने अपने-अपने क्षेत्रों में छापेमारी की। इस दौरान सभी दुकानों से नमक के नमूने लेकर प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए।

पिछले कुछ दिनों से कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि सरकारी राशन की दुकानों पर मिलने वाले नमक की गुणवत्ता खराब है। सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी वायरल हुए जिनमें पता चला कि नमक के कणों में रेत जैसे पदार्थ की मिलावट की जाती है।
राज्य स्तरीय जांच
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे राज्य में इस मामले की जाँच के आदेश दिए हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने सभी 113 तहसीलों से नमक के नमूने एकत्र कर प्रयोगशालाओं में भेज दिए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, कई नमूने FSSAI मानकों के अनुरूप पाए गए हैं, लेकिन अंतिम जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
मसूरी और देहरादून में सख्त कार्रवाई
मसूरी में भी एसडीएम कुमकुम जोशी के नेतृत्व में छापेमारी की गई। उन्होंने साफ कहा कि अगर नमक की गुणवत्ता मानकों से कम पाई गई तो दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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