Tharali Bridge Accident: उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली विकासखंड में निर्माणाधीन वैली ब्रिज के अचानक ढह जाने की घटना पर सरकार ने 24 घंटे के भीतर कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग (PWD) के चार इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडे की ओर से जारी आदेश में थराली के अधिशासी अभियंता दिनेश मोहन गुप्ता, कर्णप्रयाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता नवीन लाल, सहायक अभियंता आकाश हुंडिया और निर्माण खंड थराली के अवर अभियंता (जेई) मयंक को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई मुख्य अभियंता राजेश चंद्र शर्मा की अनुशंसा के बाद की गई।
तीसरी बार टूटा पुल, लोगों में रोष
रतगांव-डुंगरी मोटर मार्ग पर बना यह पुल इससे पहले भी दो बार आपदाओं में बह चुका है- पहली बार 2013 में और दूसरी बार 2018 में। अब तीसरी बार जब 60 मीटर लंबे नए वैली ब्रिज का निर्माण दो महीने से चल रहा था, तो मंगलवार को सपोर्ट हटते ही पूरा पुल ढह गया।
घटना के बाद ग्रामीणों में काफी गुस्सा है। उनका कहना है कि विभाग के अनुभवहीन अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही के कारण करोड़ों रुपए की लागत से बन रहा पुल नदी में समा गया।
लागत 2.80 करोड़ रुपए थी, लेकिन लापरवाही महंगी पड़ी
इस वैली ब्रिज के निर्माण पर करीब 2 करोड़ 80 लाख रुपए खर्च किए जा रहे थे। स्थानीय निवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद सरकार ने 2024 में इसे मंजूरी दी थी। पिछले दो महीने से निर्माण कार्य चल रहा था, लेकिन गुणवत्ता और निगरानी में गंभीर चूक के कारण यह हादसा हुआ।
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इस पुल के टूटने से रतगांव और आसपास के दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है। बरसात के मौसम में ग्रामीणों को अब तहसील और विकासखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए जंगल के रास्ते 25 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे घटनाक्रम को बेहद गंभीर मानते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं और वैली ब्रिज के पुनर्निर्माण के लिए तकनीकी समीक्षा के बाद जल्द काम शुरू करने के निर्देश भी दिए हैं।