Operation Sindoor: भारतीय सशस्त्र बलों ने एक बार फिर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति साबित की। यह सैन्य कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले का जवाब थी, जिसमें 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक समेत 26 लोग मारे गए थे। भारतीय वायु सेना, थलसेना और नौसेना के संयुक्त प्रयासों से पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (Pok) में 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिससे आतंकवादियों को भारी नुकसान हुआ।

ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)
‘ऑपरेशन सिंदूर’ 6-7 मई 2025 की मध्य रात्रि को शुरू हुआ था, जब भारतीय वायुसेना ने रात 1:28 बजे से 1:51 बजे के बीच 23 मिनट की गहन कार्रवाई में पाकिस्तान के बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट और पीओके के मुजफ्फराबाद, कोटली जैसे इलाकों में आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए थे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस अभियान का उद्देश्य केवल आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था तथा तनाव बढ़ने की संभावना को न्यूनतम करने के लिए किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया।
भारतीय सेना ने खास तौर पर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाया, जो भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल थे। इस कार्रवाई में 24 मिसाइलें दागी गईं। तीनों सेनाओं ने संयुक्त रूप से इस कार्रवाई को अंजाम दिया, जिससे 1971 के युद्ध के बाद यह पहली बड़ी संयुक्त कार्रवाई बन गई।
इसका नाम ‘सिंदूर’ क्यों रखा गया?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम पहलगाम हमले की क्रूरता से प्रेरित है, जिसमें आतंकवादियों ने जानबूझकर विवाहित पुरुषों को निशाना बनाया और उनकी पत्नियों को छोड़ दिया, जिससे उनकी मांग (माथे का सिंदूर) बर्बाद हो गई। आतंकवादियों ने महिलाओं से कहा था, “जाओ और मोदी को बताओ।” इस भावनात्मक और सांस्कृतिक हमले के जवाब में भारत ने इस ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम दिया, जो अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं के सम्मान और बदले का प्रतीक है।
ऑपरेशन की पृष्ठभूमि
पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी थी, जिसमें ज़्यादातर पुरुष मारे गए थे। इस हमले की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर डाली गई थी। जिसके बाद भारत ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी। पाकिस्तान ने पुंछ-राजौरी सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी की, जिसके कुछ घंटों बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन का मिनट-दर-मिनट जायजा लिया और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ रणनीति बनाई। रक्षा मंत्रालय ने इसे आतंकवाद को कुचलने के उद्देश्य से की गई “संयमित, नपी-तुली और गैर-उकसाने वाली” कार्रवाई बताया।
ये भी जाने Fantasy Expert Anurag Dwivedi पर YouTube का बड़ा एक्शन, 1500 से ज्यादा विडियो हटाई…
राजनीतिक एवं सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह: भारत माता की जय! हमारी सेना ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाया है।
- गृह मंत्री अमित शाह: ऑपरेशन सिन्दूर पहलगाम हमले का जवाब है। भारत आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी: सेना पर गर्व है, जय हिंद।
- केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू: “यह कार्रवाई उन 26 लोगों को श्रद्धांजलि है जो आतंकवादियों द्वारा मारे गए।
- बॉलीवुड सितारे: अक्षय कुमार, रितेश देशमुख, अनुपम खेर और अन्य ने ‘जय हिंद’ के नारे के साथ सेना की सराहना की।
जम्मू एवं कश्मीर में स्थानीय लोगों को ‘भारतीय सेना जिंदाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते भी देखा गया।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ
- अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, हमें अभी जानकारी मिली है, उम्मीद है कि यह लड़ाई जल्द खत्म हो जाएगी।
- चीन: हम आतंकवाद का विरोध करते हैं, लेकिन दोनों पक्ष संयम बरतें।
- इजरायल: “
- भारत को आत्मरक्षा का हक है।
- पाकिस्तान: पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हमलों को “नागरिक क्षेत्रों पर हमला” बताया, लेकिन भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि केवल आतंकवादी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और तनाव
ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर पुंछ-राजौरी के भीमबेर गली में गोलाबारी शुरू कर दी, जिसका भारतीय सेना ने संतुलित जवाब दिया। पाकिस्तान ने अपने पंजाब प्रांत में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए और श्रीनगर एयरपोर्ट समेत कई उड़ानें रद्द कर दी गईं।
ऑपरेशन का रणनीतिक महत्व
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न केवल आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट किया, बल्कि दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ भारत की सामरिक ताकत और दृढ़ संकल्प से भी अवगत कराया।
निष्कर्ष
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना की बहादुरी, रणनीतिक कौशल और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश की एकता का प्रतीक है। यह उन 26 परिवारों के साथ न्याय है और उन महिलाओं का सम्मान है, जिसका सिंदूर आतंकियों ने नष्ट करने की कोशिश की। भारतीय सेना का यह कदम न सिर्फ आतंकियों के लिए चेतावनी है बल्कि दुनिया को यह संदेश भी देता है कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए ख़बर शेयर और Follow करें 👉

📞 9012544820, 9259531752
📍 कार रोड, बिंदुखत्ता, लालकुआं (नैनीताल)